Search This Blog

03 May, 2011

बस यही तो अब हमारे बीच रहा!!

मैं जो कहूंगी
तुम सुनोगे नहीं
मेरा किया तुम्हें
जचेगा नहीं
बात वहीं की वहीं
तुम कहीं मैं कहीं
करना तो आखिर वही होगा न!
जो तुम कहोगे
और हमेशा तुम ही तो कहते हो
मेरा हक तो
इतना भर रहा
करूं हमेशा तुम्हारा कहा
तुम मुझे सहते हो
मैंने तुम्हें सहा
बस यही तो अब
हमारे बीच रहा!!

2 comments:

  1. मानवीय रिश्तों को बारीकी से उधेडा है आपने...
    नीरज

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...