मुश्किलें कहां नहीं है,
कहीं नहीं नहीं है, कहीं हां नहीं है,
कोई हमें ढूंढे, किसी को हम ढूंढे,
कोई यहां, कोई वहां नहीं है,
अपने ही कदमों पर, चलता है कोई और,
कहीं जमीं नहीं है, कहीं आसमां नहीं है,
सांस हर सांस को, रोज ये समझाती है,
जिंदगी इतनी आसां नहीं है
-नवनीत पाण्डे