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10 May, 2011

गज़ल जैसा कुछ -२ (एक दूसरे से अपनी जान छुड़ाई)

उसको उस में ज़न्नत नज़र आई
उसको उस में खुदा की खुदाई

कई रातें उसने जागकर बिताई
कई दिन उसे भी नींद नहीं आई

दोनों ने मिल के कसमें खाई
न उसने निभाई न उसने निभाई

जब मिले दोनों, हकीकत समझ आई
न उसे वह सुहाया, न उसे वह भाई

उसने अपनी मजबूरियां गिनाई
उसने अपनी मजबूरियां गिनाई

इस तरह दोनों ने किसी तरह
एक दूसरे से अपनी जान छुड़ाई

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