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07 March, 2011

कुछ हरा, कुछ भरा

पेड़ बूढा गया है
अब नहीं देता फ़ल
हरियाता भी नहीं
पहले की तरह
न ही कोई
पेड़ की छांह आता है
पेड़
अब
सिर्फ़ पेड़ कहलाता है
पेड़ रोता है
पर
जब भी कोई
पेड़ के पास से
होकर जाता है
कोई नहीं जानता
पेड़ फ़िर से
कुछ हरा
कुछ भरा
हो जाता है

2 comments:

  1. वाह...इस अद्भुत रचना के लिए बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  2. वृद्धावस्था का खूबसूरत उदाहरण ...अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete

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