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14 March, 2011

गज़ल के बहाने

जो दिल के हैं नहीं दिल से, उन से दिल लगाना क्या
हकीकत तो, हकीकत है, हकीकत को, छुपाना क्या


कभी इस डाल आ बैठे, कभी उस डाल जा बैठे
ये उड़ते हुए कव्वै, इनका आशियाना क्या


ज़ुबां पे क्या, है दिल में क्या, कोई जान न पाए
गुरुघंटाल ये यारों, इन से सर खपाना क्या


बहुत मुश्किल, नामुमकिन, कि ये किसी के हों
यही फ़ितरत रही इनकी, इनको आजमाना क्या

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर..होली की हार्दिक शुभकामनायें !.

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