सैंग कैवै-
लिखो राजस्थानी
सीखो राजस्थानी
म्हारो बी जी
घणो ईज तडफ़ा तोडै
लिखूं राजस्थानी,
बोलूं राजस्थानी
सीखूं राजस्थानी
पण जद देखूं च्यारूंपासी
आवै म्हनै हांसी...
राजस्थानी रा झंडा च्यारुं कानीं
पर किण सांचै हियै, मूंडै राजस्थानी
लिखारा लिखै घणी ईज राजस्थानी
पण भणै कुण
लिखारा ईज नीं भणै
लिखारां री लिखी राजस्थानी
न नार राजस्थानी, न भरतार राजस्थानी
न घर राजस्थानी, न बाजार राजस्थानी
न पैरूंकार राजस्थानी न सरकार राजस्थानी
मायड. भासा रै हक री आ लडाई
तद तांई लागै थोथी
जद तांई नीं आवै राजस्थानी रा लाडेसरां रै हाथ
राजस्थानी री पैली पोथी
वगत रो तकादो
खोसनै खावै जिको जीत में रैवै
मंगतां नै सापतो लाडू
कोई नीं देवै...
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