Search This Blog

03 April, 2011

इस बार जब देखो

इस बार जब देखो
बूंदों को बरसते हुए
सुनना!
बूंद बूंद एक गाना है

इस बार जब देखो
पंछियों को उड़ते हुए
देखना!
आसमान तुम्हारा है

इस बार जब देखो
किसी चिड़िया को
कबूतरों के पालसिये में नहाते हुए
चुपचाप नहाने देना!
यह अद्भुत अविस्मरणीय नजारा है

इस बार जब देखो
दिन को रात की आगोश में जाते हुए
याद रखना!
जाते को आते का सहारा है

इस बार जब देखो
कोई शव जाते हुए
मत भूलना!
यह भी एक इशारा है

2 comments:

  1. सच से रु ब रु करती अच्छी रचना

    ReplyDelete
  2. बहुत अच्छी कविता है. कई सिम्त इशारा करती हुई. बधाई!
    देवेंद्र गौतम

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...