याद करते करते
कई चीजें नहीं रहती याद
कितना भी खपाएं दिमाग
आती ही नहीं याद
किसी को कुछ
बताना भूल गए
किसी से कुछ
पूछना भूल गए
औरों को कहते रहे
सावधान!
ध्यान रखना!
बचना!
खुद ही लेकिन
खुद को
बचाना भूल गए
भूल कर भी जहां
कहने नहीं
छिपाने थे सच
चेहरे पर यारों!
मुखौटे लगाना भूल गए
बहुत अच्छी रचना .
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