इस बार जब देखो
बूंदों को बरसते हुए
सुनना!
बूंद बूंद एक गाना है
इस बार जब देखो
पंछियों को उड़ते हुए
देखना!
आसमान तुम्हारा है
इस बार जब देखो
किसी चिड़िया को
कबूतरों के पालसिये में नहाते हुए
चुपचाप नहाने देना!
यह अद्भुत अविस्मरणीय नजारा है
इस बार जब देखो
दिन को रात की आगोश में जाते हुए
याद रखना!
जाते को आते का सहारा है
इस बार जब देखो
कोई शव जाते हुए
मत भूलना!
यह भी एक इशारा है
सच से रु ब रु करती अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत अच्छी कविता है. कई सिम्त इशारा करती हुई. बधाई!
ReplyDeleteदेवेंद्र गौतम