याद बहुत आते हैं कुछ लोग
तस्वीर हो जाने के बाद
हम कितने अकेले हो जाते हैं
उनके अचानक,
चले जाने के बाद
कल ही तो मिले थे
एकदम ठीक ठाक
कितनी मज़ेदार थी
उनसे मुलाकात
फ़िर ऎसा क्या हो गया
यह अकस्मात
उन चेहरों से हम
अक्सर बतियाते हैं
स्मृतियों में कितने ही गवाक्ष
अनायास खुल जाते हैं
होठों से निकल पडती है
उन्हीं की कही कोई बात
बात बात में हो जाती है
बस, उन्हीं की बात
उठने, बैठने, चलने,
बोलने का ढंग
सजीव हो उठते हैं
तस्वीर के हर रंग
करने लगते हैं अनायास
हम उनसे संवाद
रह रह कर यूं
सताती उनकी याद
kyA kiya jaaye, insaan ki vivashta hai..
ReplyDeletekho jane ke baad vimb smritipatal par spasht ho ubharte hain!
ReplyDeletesundar rachna!