पांच कविताएं: नवनीत पाण्डे
१
तुमने!
शब्द नहीं
मुझे तोड़ा है
कर दिया
अर्थहीन...
२
यह शब्द नहीं
मेरा अर्थ है
अगर पा सको...
३
आसमान को
आस मान
४
जड़
केवल जड़ नहीं
जन्म, जीवन और मृत्यु है
पेड़ की
५
पेड़
केवल पेड़ नहीं
एक रास्ता है
जड़ तक पहुंचने का
अगर कोई पहुंच सके...
लघु पर गहन।
ReplyDeleteगहन ..सुन्दर क्षणिकाएँ
ReplyDeleteped keval ped nhi.. bahut sundar.. raaste dekh nhi paate kai baar ham..
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