मुस्कान
अर्थात
एक प्यारा सा गान
प्रेम का
जो गालों की सरगम और
अधरों के साज पर बजते हुए
संपूर्ण
बाहर भीतर को आंदोलित करता है
प्रेम की मानिंद
मुस्कान भी
किस्मत और
मुश्किल से मिलती है
इसीलिए तो मैं बोलूं...
मुस्कान ही
प्रेम की प्रथम अभिव्यक्ति है!!
waah, bahut hi sundar bhaw
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्दों....बेहतरीन भाव....खूबसूरत कविता...
ReplyDeletev nice
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर...
ReplyDeletebehad achchi lagi.
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